14 अप्रैल सिर्फ एक तारीख नही बल्कि क्रांति समानता और न्याय की गूंज है- डॉ कमला
सलेमपुर -आज राजकीय महिला महाविद्यालय, सलेमपुर देवरिया में डॉ० भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० हरीश कुमार रहे।
उन्होने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर जी भारतीय समाज के एक ऐसे महान चिंतक, संविधान निर्माता और दलित समुदाय के लोकप्रिय नेता थे, जिन्होने जीवनभर समाज से छुआछूत और जातिवादी मतभेदों को मिटाते हुए सभी के लिए समान अधिकारों की पैरवी की है उन्होने न केवल भारतीय संविधान को आकार दिया, बल्कि समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय के खिलाफ भी सदैव प्रखरता से आवाज उठाए । आज भी उनका संघर्षशील जीवन और विचार हर भारतीय को प्रेरित करते है ।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ० योगेन्द्र सिंह ने कहा कि अंबेडकर जी अपने जीवन में कभी भी संघर्ष से पीछे नही हटे । उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनके विचार आज भी लाखों लोगो को साहस, आत्मविश्वास और संघर्ष का मार्ग दिखाता है। उन्होने ने समाज में व्याप्त असमानताओ, भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और यही कारण है कि उनके शब्द आज भी हमें जीवन के कठिनतम क्षणों में प्रेरित करते है ।
डॉ0 कमला यादव ने कहा कि 14 अप्रैल सिर्फ एक तारीख नही बल्कि क्रांति समानता और न्याय की गूंज है इस दिन उस व्यक्तित्व का जन्म हुआ था जिनकी कलम ने भारत का संविधान लिखा और जिनकी सोच ने करोड़ो लोगो को जीने का हक और उम्मीद दी ।
डॉ0 जनार्दन झा ने कहा कि बाबा साहेब जी सामाजिक जागरूकता और अधिकारों की प्राप्ति का रास्ता दिखाते है वे मानते थे कि शिक्षा से ही व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है।
डॉ0 अभिषेक कुमार ने कहा कि अंबेडकर जी ऐसे धर्म को मानते थे जो सबको बराबर का अधिकार दे और किसी में भेद न करे और प्रेम व इंसानियत को बढ़ावा दे |
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एंव छात्राएं उपस्थित रहे ।