वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नाथपंथ एवं बौद्ध परम्परा की प्रासंगिकता"विषयक संगोष्ठी का समापन हुआ
गोरखपुर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर एवं महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नाथपंथ एवं बौद्ध परम्परा की प्रासंगिकता" का आज शोधपीठ परिसर में समापन हुआ।
समापन सत्र की मुख्य अतिथि प्रोफेसर शोभा गौड, कुलपति माँ विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय, मिर्जापुर रहीं।
दो दिवसीय संगोष्ठी में दस राज्यों क्रमशः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उडीसा, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली के लगभग 07 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों एवं 15 राज्य विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के रूप में लगभग 120 आचार्यों, उपाचार्यों, सहायक आचार्यों एवं शोध छात्रों ने शोध मंथन में प्रतिभाग किया।
प्रतिभागी विश्वविद्यालयों में क्रमशः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी, JNU नई दिल्ली, IGNOU नई दिल्ली, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश, सागर विश्वविद्यालय मध्य विश्वविद्यालय, हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय उत्तराखंड, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, लखनऊ विश्वविद्यालय, उज्जैन विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, सरदार पटेल विश्वविद्यालय आनंद गुजरात, जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, महाराजा सूरजमल विश्वविद्यालय भरतपुर राजस्थान, रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर आदि उल्लेखनीय हैं।