स्ट्रॉबेरी की खेती कर खुशहाल हुए किसान लालजी कुशवाहा
देवरिया -जनपद के विकासखंड बनकटा के गांव टड़वा में स्ट्रॉबेरी की खेती चर्चा का विषय बनी हुई है। जनपद कुशीनगर के दुदही ब्लॉक के दुमही पूर्व गांव के रहने वाले लाल कुशवाहा ने टड़वा गांव में एक एकड़ जमीन लीज पर लेकर स्ट्रॉबेरी की खेती की है। उन्होंने 29 सितंबर को पुणे से स्ट्रॉबेरी की प्रजाति विंटर डाउन के पौधे मंगाकर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में रोपाई की है।
लालजी पहले से कुशीनगर में स्ट्रॉबेरी की खेती करते आ रहे हैं उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र से तकनीकी सलाह लेकर रेज्ड बेड पर पॉलिथीन का मल्च लगाकर तीन लाइन में रोपाई की है।
सिंचाई और खाद देने के लिए इन्होंने ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग किया है। पूरी तरह से तकनीक के आधार पर खेती करके इन्होंने एक एकड़ में अब तक कुल लगभग पांच लाख रुपए खेती पर और तीन लाख घेराबंदी और एक छोटा सा घर जहां पर रहने और पैकिंग की व्यवस्था कर रखी है। इस प्रकार उन्होंने कल अब तक ₹800000 लगभग खर्च किया है और उनके अनुसार लगभग १२ लाख की स्ट्रॉबेरी पैदा होगी। अगर हम सिर्फ खेती में लागत की बात करें तो ₹ पांच लगाकर बारह लाख रुपए के आमदनी प्राप्त की है। बाकी सेटअप अभी उनको अगली खेती के लिए उपयोग होगी।
जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव ने बताया कि जनपद ओद्योनिक मिशन योजना में शामिल हो गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न फलों, सब्जियों, फूलों, मशरूम और औषधीय पौधों की खेती के लिए योजनाएं प्रस्तावित है जिसकी खेती करने पर किसान को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जनपद के अन्य किस स्ट्रॉबेरी की खेती में आगे आए जिस पर उन्हें एक हेक्टेयर की खेती पर ₹ दो लाख का आकलन है जिस पर 40% की सब्सिडी मिलेगी।
कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान विशेषज्ञ डॉ रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती एक लाभदायक खेती है। लालजी कुशवाहा ने केंद्र से संपर्क करके पूरी तकनीक से स्ट्रॉबेरी की खेती की। उन्होंने बताया की उद्यानिकी फसलों की खेती करने से किसान को ज्यादा फायदा होता है।