पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य में श्रीअन्न की भूमिका" विषय पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया

देवरिया -कृषि विज्ञान केंद्र (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी) मल्हना, देवरिया पर "पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य में श्रीअन्न की भूमिका" विषय पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए आयोजित 27 से 31 जनवरी 2025 तक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ मांधाता सिंह ने कहा कि मोटे अनाजों में आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे सभी पोषक तत्व की प्रचुर मात्रा होने के कारण मानव स्वास्थ को बनाए रखने में अहम भूमिका होती है साथ ही इनकी खेती से पर्यावरण को भी कोई हानि नहीं होती है। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. कमलेश मीना ने बताया कि श्रीअन्न में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशियों, खरपतवारनाशियों आदि का बहुत कम प्रयोग किया जाता है और श्रम, समय की भी बचत होती है इसलिए इनका उत्पादन करने में लागत बहुत कम आती है। यह 90 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाते है, श्रीअन्न कम पानी और कम उर्वरा वाली मिट्टियों में भी आसानी से पैदावार देने में सक्षम होती हैं। डॉ रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि यदि हमारे भोजन की थाली...