ऑल इंडिया साइंस टीचर्स एसोसिएशन का 52वा सम्मेलन हुआ
कुशीनगर-आज भदन्त चंद्रमणि सभागार बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर में ऑल इंडिया साइंस टीचर्स एसोसिएशन का 52 व सम्मेलन हुआ।जिसकी अध्यक्षता डॉ केपी सिंह ने किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय सिंह प्राणी शास्त्र विभाग दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर थे।
विशिष्ट अतिथि नरसिंह, अध्यक्ष भोजपुरी पुनर्जागरण मंच, और रमेश तिवारी महामंत्री भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के अतिरिक्त संगठन से जुड़े कई वक्ताओ ने अपने विचार रखें। विषय था- ग्लेशियर का पिघलना।
मुख्य अतिथि अपने संबोधन में जैविक विविधता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरण से संबंधित जितनी समस्याएं हैं उसका एकमात्र कारण जैव विविधताका संतुलन होना। इस पर इन्होंने एक वीडियो क्लिप भी दिखाया।
विशिष्ट अतिथि रमेश तिवारी ने अपने संबोधन में विज्ञान शिक्षकों से कहा कि इकोलॉजिकल बैलेंस को कैसे कायम किया जाए इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और अमल भी होना चाहिए। इसी से संबंधित एक गीत भी प्रस्तुत किया। जिसमें ग्लेशियर के पिघलने से आगाह किया गया था।
भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के अध्यक्ष नरसिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देश को आगे बढ़ाने में, समृद्ध करने में विज्ञान शिक्षकों और वैज्ञानिकों के योगदान को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन आज बिगड़ते इकोलॉजिकल बैलेंस को गंभीरता से लेना चाहिए।पर्यावरण और संतुलन, बढ़ते प्रदूषण और तकनीकी का दुरुपयोग हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए।
विज्ञान और तकनीकी विकास के क्रम में 90 मानवतावादी आदर्श को कभी नहीं भूलना चाहिए धरती है तो हम हैं हम हैं तो सब कुछ है ।
शिक्षकों का प्राण धर्म है ज्ञान की भूख को जागृत करना और जागृत भूख को तृप्त करना। विज्ञान सैद्धांतिक व्याख्या की प्रायोगिक पृष्ठभूमि है, इसका ज्ञान सहज भाषा अर्थात मातृभाषा में दिया जाए तो काफी प्रभावी और सार्थक होगा।
वैज्ञानिकों के आध्यात्मिक विमुखता के कारण पृथ्वी पर कुछ भी अनर्थ हो सकता है, ग्लेशियर का पिघलना आज के मानवता के लिए एक गंभीर समस्या है इससे कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाएंगे, इसके जिम्मेवार तत्वों पर विशेष चर्चा होनी चाहिए और उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक समाधान खोजने की जरूरत है, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत में छिद्र, विकास की गति से उत्पन्न प्रदूषण की और सामान्य उत्सर्जन यह महत्वपूर्ण कारक है.
इस सम्मेलन के संपर्क सचिव यशस्वी प्रवक्ता डॉ. विनोद सिंह ने अपने संबोधन में उपस्थित सभी महानुभावों का प्रति आभार व्यक्त करते हुए सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव किए गए भाव को व्यक्त किया, इस प्रकार के सम्मेलनों के आयोजन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हमें बहुत अच्छा लगा।
कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने संगीतकार अतुल के नेतृत्व में मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतीकरण किया।
संगठन के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ सुबीर कुमार सरकार ने ग्लेशियर प्रिजर्वेशन पर विस्तार से चर्चा किया तथा इससे संबंधित एक वीडियो क्लिप दिखाए वीडियो क्लिप में मेल्टिंग का ग्लेशियर से संबंधित सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा किया गया था।
चर्चा में मेल्टिंग आफ ग्लेशियर्स के कर्म पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, इसकी समस्त चुनौतियों को रेखांकित करते हुए समाधान का एक प्रारूप प्रस्तुत किया।
सम्मेलन में डॉ राजेश सिंह, उमाशंकर द्विवेदी, रविंद्र जी, विनम्र प्रताप सिंह, डॉ अशोक कुमार दुबे, डॉ कृष्णधर दुबे, फूलचंद , घनश्याम मिश्रा, सुनील कुमार मिश्रा,डॉ राजेश सिंह, श्वेजल,कुमारी निधि शर्मा,शिवानी,गरिमा सिंह, प्रीति सिंह, महक राव, रुबीना खातून इत्यादि लोग उपस्थित थे।