एकीकृत कृषि प्रणाली से आय अर्जन विषय पर प्रशिक्षण शुरू
भाटपार रानी -कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना देवरिया पर दिनांक 17 सितंबर से ग्रामीण युवक एवम युवतियों के लिए "एकीकृत कृषि प्रणाली से आय अर्जन" विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवम अध्यक्ष डा मांधाता सिंह ने बताया कि आज के समय में जनसंख्या में वृद्धि होने से किसानों की जोत में लगातार कमी होती जा रही है।
अतः किसानों को लिए प्रति इकाई क्षेत्रफल से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाना चाहिए। जिससे किसान भाई मृदा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की सुरक्षा के साथ स्थायित्व कृषि करके अपेक्षाकृत ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एकीकृत कृषि प्रणाली के अंतर्गत किसान अपने क्षेत्र पर फसल उगाने के साथ-साथ कृषि से जुड़े अन्य विधाओं जैसे फल एवं सब्जी उगाना, पशु पालन, बकरी पालन,मछ्ली पालन, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन, बायो गैस, जैविक खाद बनाना आदि को समेकित करके ज्यादा आय प्राप्त करके अपने जीवन यापन में सुधार करने के साथ पर्यावरण का सरंक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उद्यान विशेषज्ञ डॉ रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में धान गेहूं फसल प्रनाली से न केवल मृदा की उपजाऊपन में कमी आ रही बल्कि मानव जीवन के स्वास्थ पर गंभीर असर पड़ रहा है। परिवार के पोषण हेतु संतुलित भोजन की उपलब्धता, रोजगार सृजन, आर्थिक आय एवम पर्यावरण का सरंक्षण एकीकृत कृषि प्रणाली का प्रमुख उद्देश्य है।
सस्य विज्ञान विशेषज्ञ डा कमलेश मीना ने एकीकृत कृषि प्रणाली के लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
गृह विज्ञान विशेषज्ञ जयकुमार एवं पशुपालन विशेषज्ञ डॉ अंकुर शर्मा नेवी किसानों को संबोधित किया। 5 दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को मुर्गी पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, बकरी पालन, बतख पालन आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान अपने खेतों पर एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाकर अपनी आय बढ़ाकर अपने जीवन यापन में सुधार कर सकते है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न विकास खंडों से 25 से ज्यादा युवक/युवतियों ने भाग लिया।