नकारात्मक विचार स्वयसेवको के पास फटक भी नहीं पाते-राम जियावन मौर्य
कुशीनगर -राष्ट्रीय सेवा योजना बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के सप्त दिवसीय शिविर का समारोह आज मजीठिया सभागार में हुआ।
मुख्य अतिथि बीएसए कुशीनगर रामजियावन मौर्य ने कहा कि एन एस एस स्वयंसेवक सकारात्मक सोच के साथ कार्य करता है।वह समस्यायों को गिनाने वाला नही बल्कि समस्याओं का समाधानकर्ता होता है।नकारात्मक विचार स्वयसेवको के पास फटक भी नहीं पाते।इसी सकारात्मक ऊर्जा के बल पर आप लोग समाज में परिवर्तन का वाहन बनते हैं।
उन्होंने कहा कि आप अपने जीवन में सलाह उन्हीं लोगों से लीजिएगा जो सकारात्मक सोच के व्यक्ति हो तभी जीवन में सफलता मिलेगी।हमारी अनर्तनिहित शक्तियों का विकास योग्य गुरु के सानिध्य में होता है। ऐसे शिविर आपकी अंतर्निहित क्षमताओं को सबके सम्मुख प्रकट करने का उपयुक्त अवसर प्रदान करते हैं। ऐसे शिविर की सार्थकता इसी में निहित है।
मुख्य वक्ता भाजपा महामंत्री कुशीनगर संतोष दत्त राय ने कहा कि बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के एन एस एस स्वयसेवक के रूप में मैने अपने साथियों के सहयोग से उड़ीसा में वर्ष 1999 में आए चक्रवाती तूफान के पीड़ितों के सहायतार्थ जनता से धन एकत्र कर 11000 की सहायता राशि भेजी थी।
यह स्वयसेवको की राष्ट्र भावना और सेवाभाव का अनुकरणीय उदाहरण है। भारत सरकार ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है।यह समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में विकास से ही संभव होगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति स्वयसेवकों के योगदान से ही यह संभव है।
कुशीनगर में सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अंतर्राज्यीय बस अड्डा,रेलवे की कनेक्टिविटी ,कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना,हर घर जल योजन, हर घर शौचालय योजना,सभी को आवास,सभी चिकित्सा सुविधा, जन धन योजना,स्टार्टअप योजना इत्यादि योजनाएं एक समाज के रूप में विकसित भारत लक्ष्य 2047 की तरफ अग्रसर होने की पुष्टि करते हैं।
विशिष्ट अतिथि डॉ अनुज कुमार ने कहा कि सशक्त एवम् विकसित भारत लक्ष्य 2047 में पर्यावरण संरक्षण का लक्ष्य भी समाहित है।हमारा परिवेश स्वच्छ हो, यह हमारे आरोग्य को पुष्ट करने वाला हो ।हम आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सतत पोषण प्रदान करने वाला पर्यावरण दे सके ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रो विनोद मोहन मिश्र ने कहा कि हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करके ही सतत विकास कर सकते हैं।अपनी विरासत को छोड़कर किया गया विकास विनाश का कारण बनेगा अतः हमें विकास की दौड़ में अपनी पहचान को खोना नहीं है।आप यह कर सकते हैं। एन एस एस जैसा संगठन राष्ट्र के लिए जीने और मरने वाले समर्पित स्वयंसेवकों को तैयार करने वाला संगठन है।भविष्य का राष्ट्र आपके सपनों के अनुरूप हो, इसमें आपका योगदान जीवन की सबसे मधुर स्मृतियों में से होंगी।
इस अवसर स्वयसेवक सुजाता मिश्रा, दिव्या सिंह आदि ने शिविर के अनुभवों को प्राचार्य जी के समक्ष साझा किया।
स्वयंसेविका रोशनी गुप्ता ने ' मेरी भी धुन सुन' गीत पर अतिथियों के सम्मुख मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ निगम मौर्य ने अतिथियों का परिचय एवम् स्वागत किया । जबकि डॉ पारस नाथ ने आभार ज्ञापन किया।संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ जितेंद्र मिश्र ने किया।