बारिश और आंधी ने किसानों के अरमान पर फेरा पानी
बे मौसम की मार ने किसानों के साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है। किसानों का कहना है की गेहूं की फसल चौपट होने की कगार पर पहुंच गई है। फसल को भारी क्षति बताई जा रही है। अन्नदाता पर कुदरत की मार पड़ रही है। तैयार फसल को बर्बाद होता देख किसानों ने माथा पकड़ लिया है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में देर रात हुई बे मौसम बरसात से किसानों के अरमानों पर ब्रजपात हो गया खेतों में खड़ी कई फैसले बारिश की भेंट चढ़ गई साथ ही साथ आंधी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं, चना, मटर , सरसों और आलू की फसलों का हुआ है।
इस महीने में कई बार मौसम का मिजाज बदला बुधवार को भी मौसम में अचानक बदला हुआ और भोर में बारिश एवं आंधी आई। हालांकि पूरे दिन मौसम साफ रहा, लेकिन देर शाम में फिर रुक रुक कर बारिश हुई। बृहस्पतिवार को भी मौसम साफ नहीं रहा कभी धूप तो कभी बूंदा -बांदी होती रही।
पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक तमाम जिले बारिश से प्रभावित हुआ है और किसानों के खेतों में खड़ी फसल तबाह हुई है ।
सरसों के फूलों पर बारिश के साथ तेज हवा चलने के कारण फूल झाड़कर नीचे गिर गए हैं वहीं गेहूं के पौधे पर इस समय बरसात और आंधी से बालियां से लैस हैं , आंधी और बारिश ने इन बालियों को गिरा दिया है, जिससे अब गेहूं के पौधे झुक कर जमीन पर गिर गये हैं नीचे गिरे हुए गेहूं की बालियां पानी में डूबी हुई है। ऐसे में गेहूं की फसल को भी बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है।
चना, मटर , मसूर और आलू की फसल खरब,-- गेहूं और सरसों की फसल के साथ ही उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पैदा होने वाली चना मटर और आलू की फसलों को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है, बड़ी संख्या में बलिया के किसान आलू की पैदावार करते हैं। मटर, मसूर की भी अच्छी खासी पैदावार बलिया में होती है।
ऐसे में बे मौसम बारिश ने इन फसलों को बड़ी हानि पहुंचाई है। अभी तक अंदाजा लगाया जा रहा है कि जनपद में किसानों की फसलों पर बारिश और आंधी ने तबाही मचाई है उसे कई करोड़ का नुकसान हुआ है।