13 वर्ष की उम्र में केले के तने से बिजली पैदा करने वाले गोपाल जी को नासा का बुलावा


अगर आप गूगल पर सर्च करेंगे ‘इंडिया यंगेस्ट सायंटिस्ट’ तो आपको एक नाम दिखेगा, वह है गोपाल जी। 13 वर्ष की उम्र में केले के तने से बिजली पैदा कर अपना नाम युवा वैज्ञानिक की लिस्ट में पहले नंबर पर दर्ज करवाया था, और अब गोपाल जी व उनकी टीम का सिलेक्शन नासा के लिए हुआ है। गोपाल जी की संस्था यंग माइंड एंड रिसर्च डेवलपमेंट के सदस्यों ने चांद पर इंसान को भेजने वाला रोवर तैयार किया है।

युवा वैज्ञानिक गोपाल जी मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले के छोटे से गांव ध्रुवगंज के रहने वाले हैं और उन्होंने बेहद ही कम उम्र में साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है । नासा की ओर से 19 और 20 अप्रैल को आयोजित ह्यूमन एक्सप्लोरेंस रोवर चैलेंज कार्यक्रम के लिए गोपाल जी की संस्था व उनकी टीम का चयन हुआ है. वैज्ञानिक गोपाल जी की टीम अब नासा जाएगी।

युवा वैज्ञानिक गोपाल जी व उनकी टीम ने चंद्रमा पर उतरने वाला ह्यूमन रोवर तैयार किया है, जिसका नासा में प्रेजेंटेशन होगा। इस रोवर को बनाने में 10 लख रुपए का खर्च आया है। विश्व में उच्च विद्यालय के स्तर से 30 टीमों का चयन हुआ है. इसमें से एक टीम गोपाल जी की है। इस टीम में बिहार से 22 वर्षीय गोपाल जी मेंटर रहेंगे. इसके साथ-साथ 13 लोग शामिल हैं।

इनमें बिहार के अलग-अलग उच्च विद्यालयों से तीन बच्चे तनिष्क उपमन्यु, करुणय उपमन्यु, सूर्यनारायण रजक शामिल हैं। नई दिल्ली से आसना मिनोचा, कियान कनोडिया, हरियाणा के लोकेश आर्य और अरुण, उड़ीसा से आरूषि पैकरे, राजस्थान की ऐश्वर्या महाजन, उत्तर प्रदेश से ओम, पल्लवी, समीर यासीन, उत्कर्ष और रोहित, आंध्र प्रदेश से पठान सुलेमान और यूएसए से सुनैना साहू शामिल होंगे। गोपाल जी की टीम एम 3 एम फाउंडेशन के सपोर्ट से नासा जाएगी. अगर इस टीम के द्वारा तैयार किए गए ह्यूमन रोवर का चयन हुआ तो नासा के मून मिशन के लिए यह टीम काम करेगी और इन्हें गोल्ड मेडल भी मिलेगा।

भागलपुर के रहने वाले युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने बताया कि नासा में यह एक तरह से साइंस ओलंपिक है, जिसमें हाई स्कूल लेवल पर दुनिया भर से 30 टीमों का चयन हुआ है और उसमें एक टीम हमारी है। इस रोवर को तैयार करने में एक महीने का वक्त लगा है। अप्रैल में मैं अपनी टीम के साथ नासा जाऊंगा और वहां रोवर को प्रेजेंट करूंगा, इसमें एम 3 एम फाउंडेशन हमारे टीम को सपोर्ट कर रही है, अगर नासा को यह मॉडल पसंद आया तो हम लोग नासा के साथ मून मिशन पर काम करेंगे और हम लोगों को गोल्ड मेडल भी मिलेगा।

आपको बता दें कि युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने केले के पेड़ से कई आविष्कार किये जैसे सिंगल यूज़ प्लास्टिक, खाने की प्लेट, केले के थंब से बिजली पैदा करना इसके बाद से इन्हें बनाना बॉय के नाम से भी जाना जाता है । इससे पहले गोपाल जी ने तीन बार नासा को ऑफर भी ठुकराया था।

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