संस्कृति उत्सव-2023 का आयोजन किया गया


गोरखपुर - क्षेत्रीय सस्कृति केन्द्र, गोरखपुर तथा मण्डलायुक्त प्रशासन गोरखपुर के संयुक्त तत्वधान में संस्कृति उत्सव-2023 के अंतर्गत विभिन्न जनपदों से आये हुए कलाकरों द्वारा लोकगायन व नृत्य की प्रस्तुति आज राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के सभागार में आयोजित किया गया। 

संस्कृति उत्सव-2023 का शुभारम्भ निर्णायक मण्डल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

उक्त कार्यक्रम में सभी आये हुए प्रतिभागियों का प्रदर्शन बहुत ही सुन्दर व सराहनीय रहा। 

कार्यक्रम में निर्णायक की मुख्य भूमिका में रंजना श्रीवास्तव, सुमन वर्मा, सोनिका सिंह, वंदना दास, मनीष कुमार एवं डाॅ0 ब्रजेन्द्र नारायण और अपर सूचना अधिकारी शान अहमद उपस्थित रहें।

मण्डल संयोजक पी0 कुमार के निर्देशन में कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।प्रतियोगिता की शुरूआत नूरजहाॅं द्वारा राष्ट्रीय गीत के साथ किया गया, जिसमें हमार देशवा हवे सोने के चिरईया........के साथ की गयी।

 इसी क्रम में अमर अंजन महराजगंज द्वारा निर्गुण जिसका बोल गवने के दिनवा नियराइल ये.......एवं हरिश्चन्द्र द्वारा एक विकास गीत हमार पियवा करिहे किसानी लेके झण्डा तिरंगा निशानी........एवं कैलाश रसिया के द्वारा लोकगीत बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ बेटियां के बोझ जनी हमके बतावा... एवं विशाल विनायक के द्वारा बिदेशिया गीत पियवा गईले कलकतवा ए सजनी... एवं श्वेता वर्मा के द्वारा सुगम संगीत नजरिया लग जाएगी मोरे कान्हा को कोई मत देखो...... और सुशीला जायसवाल के द्वारा शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया गया और अन्त में अन्य आये हुए कलाकारो ने अपनी प्रस्तुति दिये जिसमें बृजेश विरजु ने भजन राम जइहे बनवा बिहने बाची ना परनवां... एवं श्रृष्टि दुबे ने लोकगीत घरवा से चलल गुजरिया झुला खेले बरसात में...की प्रस्तुति की। उक्त कलाकरों ने खुब वाह-वाही बटोरी। दशकों ने सांस्कृति कार्यक्रम का भरपूर आनन्द उठाया।

उक्त  कार्यक्रम के समापन पर उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर, राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के द्वारा कार्यम्रम में आये हुए सभी निर्णायक मण्डल व प्रतिभागियों का अभार व्यक्त और धन्यवाद ज्ञापित किया।          

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