आलू कम दिनों में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है - मान्धाता सिंह


देवरिया - कृषि विज्ञान केंद्र (भाकृअनुप- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी) देवरिया के प्रमुख डॉo मांधाता सिंह ने आलू  की बुवाई करते समय किसानों को बताया कि आलू कम दिनों में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है ,यह फसल 80 से 90 दिनों में  तैयार हो जाती है। इसकी बुवाई पोटैटो प्लांटर के द्वारा करने पर अच्छी उपज प्राप्त  करने के साथ - साथ पानी देने एवं खरपतवार नियंत्रण करने में आसानी रहती है। आलू के लिए बलुई दोमट मिट्टी जिसमें पर्याप्त कार्बनिक पदार्थ हो  उपयुक्त मानी जाती है।

इस अवसर पर उद्यान विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि आलू की बुवाई करने के लिए मुख्यतः कुफरी अरुण, कुफरी पुखराज, कुफरी अशोक, कुफरी ज्योति, कुफरी सिंदूरी, कुफरी आनंद,कुफरी गरिमा इत्यादि प्रजातियों का चयन किया जा सकता है। 

उन्होंने बताया कि 20 से 25 क्विंटल बीज, 150 से 200 किलोग्राम नत्रजन, 60 से 80 किलोग्राम फास्फोरस, 60 से 80 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर दर से प्रयोग करें। नत्रजन की आधी मात्रा, फास्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय प्रयोग करें। 

आलू की फसल में  अगेती झुलसा एवं पिछेती झुलसा लगने की संभावना अधिक रहती है इसलिए बुवाई से पूर्व बीजों को 0. 25 प्रतिशत ऐरीटान /मंकोजेब /बविस्तीन/ टेफासन  नामक दवा से उपचारित करें। इस अवसर पर सस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉo कमलेश मीना ने बताया की आलू में खरपतवारों की समय पर रोकथाम करें। 

खरपतवारों की रोकथाम के लिए पहली निराई-गुड़ाई बुवाई के 20 दिन बाद एवं दूसरी निराई-गुड़ाई 40 दिन बाद अवश्य करें। खेत  से अधिक पैदावार लेने के लिए सहफसली खेती करें ताकि एक साथ दो फसलों की पैदावार लेकर अधिक से अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सके। सहफसली खेती के लिए रबी मक्का के साथ आलू,  शरद कालीन गन्ने के साथ आलू, गेंहू के साथ आलू, सरसों के साथ आलू इत्यादि फसलों का चयन किया जा सकता है। 




फार्म प्रबंधक अजय तिवारी ने बताया की बड़े आलू को काटकर बुवाई करें। बुवाई के लिए आलू बीज का वजन 30 से 50 ग्राम होना चाहिए।  प्रत्येक टुकड़े में दो-तीन आंख निकली हुई हो ताकि जमाव अच्छा हो सके। 

इस प्रकार आलू की बुवाई करने पर 400 से 500 क्विंटल पैदावार प्रति हेक्टेयर प्राप्त की जा सकती है |  पोटैटो प्लांटर द्वारा आलू की बुवाई के समय कैलाश प्रसाद, अनूप सिंह, मनजीत कुशवाहा, हरिश्चंद्र, बजीलाल, संगीता, मंजू  आदि उपस्थित रहें।


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