फाइलेरिया ग्रसित अंगों की समुचित देखभाल जरूरी



देवरिया- बनकटा ब्लॉक के  स्वास्थ्य उप केंद्र मिश्रोली और परासिया छितैनी में  फाइलेरिया मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन व दिव्यांगता नियन्त्रण (एमएमडीपी) के बारे में शुक्रवार को प्रशिक्षित किया गया।  

इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मजीतपुर, रमवापुर, भटौली बुजुर्ग और गौरी बाजार के 23 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट भी प्रदान  की गयी । 

फाइलेरिया  से ग्रसित मरीजों को उपचार और देखभाल के बारे में भी  बताया गया। इसके अलावा फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई के तरीके का प्रदर्शन किया गया।

प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारी (एमओ) डॉ रविंद्र  ने कहा कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के साथ साथ हाथीपांव प्रबन्धन का भी कार्यक्रम  चल रहा है। इस बीमारी से बचने के लिए साल में एक बार लगातार पांच साल तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन ही श्रेष्ठ उपाय है।।  

उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोगी  सहायता समूह नेटवर्क  के सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम  के प्रति लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया  कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दूषित पानी में पनपते हैं। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी खून के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं।

पाथ संस्था के प्रोग्राम मैनेजर डॉ नीरज ने कहा कि शरीर के जिस भी अंग में फाइलेरिया है, उसकी नियमित साफ-सफाई बेहद जरूरी है। इससे त्वचा के ऊपरी हिस्सों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। फाइलेरिया से प्रभावित अंगों में चोट लगने का खतरा भी ज्यादा होता है और ऐसी स्थिति में मरीज की तकलीफ भी बढ़ जाती है। इस अवसर पर फाइलेरिया रोगी  सहायता समूह नेटवर्क के सदस्य   ने हाथीपांव के साफ-सफाई का प्रदर्शन भी किया ।

मिश्रोली निवासी फाइलेरिया मरीज सरस्वती देवी (30)   ने बताया कि प्रशिक्षण में हाथीपांव के सूजन को कम करने के लिए व्यायाम औऱ हाथीपांव की साफ सफाई के बारे में जानकारी दी गई है। इस दौरान हाथीपांव की सफाई के लिए एमएमडीपी किट भी दी गई है । उन्होंने बताया कि अपने समूह के माध्यम से प्रशिक्षण में सीखी सभी बातों को अपने गाँव के लोगों को जरूर बताएंगी।  

इस अवसर पर पाथ संस्था   के प्रतिनिधि देश दीपक, एलटी संदीप सिंह, ग्राम प्रधान, सीएचओ बृजभूषण,  प्रधान चन्दन सिंह, नेटवर्क मेंबर प्रमिला, हरेराम,  और महेश चंद्र  प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

जिले में हैं 1921 फाइलेरिया मरीज-

जिला मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया कि जिले में फाइलेरिया के 1921 मरीज हैं। हर फाइलेरिया मरीज को साल में एक बार एमएमडीपी किट दया जाता है। इस वर्ष जनवरी 2023 से अब तक  650  फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट  दिया जा चुका है। शेष बचे मरीजों को  भी किट वितरित की जाएगी।  

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