भारत के लिए एक बेहद ख़ास, मिशन गगन यान की पहली टेस्ट फ्लाइट हुई लांच


भारत के लिए एक बेहद ख़ास दिन है , मिशन गगन यान की पहली टेस्ट फ्लाइट लांच हुई। इसे टेस्ट व्हीकल अबो्र्ट मिशन -1 और फिर टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइट भी कहा जा रहा है। सुबह 10:00 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्तिथ सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलता के साथ गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट ने उड़ान भरी है।

वहां के यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान देते हुए इसमें इन्सटाल्ड क्रू एस्केप सिस्टम के सफल प्रदर्शन दिखने के लिए इस मिशन के उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी -1) को बंगाल की खाड़ी में समुद्री जल में उतर के साबित किया गया।

तो क्या है मिशन गगनयान ?
मिशन गगन यान का प्राथमिक लक्ष्य मनुष्य को अंतरिक्ष में पहुँचाने का है। तीन दिवसीय इस मिशन का लक्ष्य इंसानो को लोअर अर्थ ऑर्बिट में 400 किलोमीटर को ऊँचाई पर पहुँचाने का है, जिसमे सभी जनों की सुरक्षित वापसी साल 2025 में निर्धारित की गयी है। इस मिशन की पूर्ति के लिये तय किये गए दल को निर्धारित ऑर्बिट में एल वि एम् -3 राकेट से भेजा जाएगा। एल वि एम् राकेट की यह खासियत है की इसमें तीन स्टेजेस है , लिक्विड , सॉलिड और क्रायोजेनिक स्टेजेस।

यह टेस्ट व्हीकल अपने साथ साथ क्रू मॉडल को भी ले गया। इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) का मानना है की इस टेस्ट मिशन के लांच से दल की सुरक्षा में इनस्टॉल किया गया क्रू एस्केप सीटें की जांच हो सकेगी और किसी आपातकालीन स्तिथि में इसका इस्तेमाल साबित हो सकेगा। यह मिशन साल 2025 में किये जाने का अंदाज़ा लगाया जा रहा है।

यह टेस्ट मिशन की सफलता भी उतनी ही ज़रूरी है क्यूंकि यह टेस्ट मिशन ही मिशन गगनयान की असली सफर की सफलता का रास्ता तय करेगा। तमाम चुनौतियों और बाधाओं के बाद भी इस टेस्ट मिशन का लांच होंबा भी एक बोहोत बड़ी सफलता है जिसकी बधाई इसरो के चीफ इस सोमनाथ ने सबको दी और टेस्ट मिशन के सफल लांच के अवसर पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की थी।

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