फोटोग्राफी एक क्रांतिकारी कला: मेजर जनरल बाजपेयी


गोरखपुर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर एवं दीप्तिमान संस्कृति फाउंडेशन फॉर आर्ट कल्चर एन्ड हेरिटेज के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय छायाचित्र प्रदर्शनी एवं कार्यशाला ‘‘द शैडो ऑफ नेचर‘‘ का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल अतुल बाजपेयी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि फोटोग्राफी की विधा मानव इतिहास की सर्वाधिक रचनात्मक विधाओं में से एक है और इसने कलाकारी को एक नया आयाम दिया है।


उन्होंने इसे क्रांतिकारी कला करार देते हुए कहा कि विश्व स्तर पर उल्लेखनीय तस्वीरों को खींचने वाले फोटोग्राफर्स का योगदान अविस्मरणीय है।

इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो एस.एस. दास ने फोटोग्राफी से जुड़े अपने शौकिया अनुभव साझा करते हुए इसे सुकून देने वाला कौशल कहा और कविता के माध्यम से इस विधा की खूबसूरती को उकेरा। 

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में घटनाओं को खूबसूरती से कैद करने वाले फोटोग्राफरों का योगदान अतुलनीय है। फोटोग्राफी का जुनून सबसे अलहदा होता है।

अपने विचार रखते हुए विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद गोरखपुर विश्वविद्यालय की राजनीतिशास्त्र विभाग की प्रो. निशा जायसवाल एवं महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूषण की डॉ. शिप्रा सिंह ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए ऐसे आयोजनों को बड़े पैमाने पर किये जाने की महत्ता पर जोर दिया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजकीय बौद्ध संग्रहालय के उप निदेशक डॉ यशवंत सिंह राठौर ने कहा कि फोटोग्राफी के माध्यम से प्रकृति के सुंदर स्वरूपों का चित्रण अपने आप में अनूठा है और ऐसे ही कार्यक्रम और भी बड़े पैमाने पर करने का प्रयास किया जाएगा।

कार्यक्रम के आयोजक दीप्तिमान संस्कृति फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी डॉ. संदीप कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर बताया कि 120 भारतीय और 20 विदेशी फोटोग्राफर्स की कुल 1500 से ज्यादा फोटोज मिलीं जिनमें से चुनिंदा 600 फोटोज की प्रदर्शनी लगाई गई।

कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता शुभेन्द्र सत्यदेव ने किया जबकि संयोजन फाउंडेशन की ट्रस्टी ऋतु, गौरव व शैवाल शंकर ने किया।


इस अवसर पर डाॅ0 शरद मणि त्रिपाठी, मिथिलेश तिवारी, उषा अग्रवाल, कादंबनी अग्रवाल, अनुपम अग्रवाल, डॉ. राजेश चन्द्र गुप्ता, अरुण प्रकाश मल्ल, अनुपम सहाय, डॉ करुणेंद्र, नवीन श्रीवास्तव, गायत्री आनद, विश्व मोहन तिवारी, दीपक निशांत चक्रवर्ती सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी मौजूद रहे।

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