विधायक अब्बास अंसारी को जिला जेल कासगंज में स्थानान्तरित करने की कार्यवाही की गयी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने आज कारागार मुख्यालय में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों के जेल अधीक्षकों, जेलर, डिप्टी जेलर एवं डीआईजी स्तर के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
धर्मवीर प्रजापति के निर्देश पर चित्रकूट जिला जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी को तत्काल प्रभाव से जिला जेल कासगंज में स्थानान्तरित करने की कार्यवाही की गयी। आज ही अब्बास अंसारी को जिला जेल कासगंज में स्थानान्तरित कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस घटना में संलिप्त जेल प्रशासन के लोगों के खिलाफ भी जांच रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिये कि भविष्य में किसी भी जिला जेल में इस प्रकार की घटना बर्दाश्त नहीं की जायेगी, सख्त से सख्त कार्रवाई विभाग करेगा।
धर्मवीर प्रजापति ने सभी जेल अधीक्षकों से कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या, दबाव या धमकी मिले तो इसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को उपलब्ध कराएं। घटना घटित होने के पश्चात इस प्रकार की बातों का संज्ञान नहीं लिया जायेगा और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से जेल विभाग में किये जा रहे सकारात्मक एवं अच्छे कार्य कहीं न कहीं प्रभावित हो जाते हैं और इस प्रकार की घटनाओं से अच्छे कार्यों की चर्चा दब जाती है।प्रजापति ने कहा कि छोटे-छोटे अर्थदण्ड में बंद कैदियों की रिहाई से सम्बंधित बजट का प्राविधान किया गया है। कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद स्वयंसेवी संस्थाओं एवं व्यक्तियों की मदद से अब तक 381 लोगों को छोटे अर्थदण्ड की भरपाई करते हुए रिहा कराया जा चुका है। आगे भी रिहाई का यह क्रम चलता रहेगा।
धर्मवीर प्रजापति ने सभी जेल अधीक्षकों को निर्देश दिये कि 20 फरवरी तक जेलों में बंद टाॅप टेन अपराधियों की सूची मुख्यालय को उपलब्ध करायें। साथ ही जेलों में बंद रहे विभिन्न उत्पादों की सूची भी मुख्यालय को उपलब्ध कराएं।
कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने कहा कि चित्रकूट जिला जेल की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास के बावजूद इस प्रकार की घटना घटित होना आश्चर्यजनक एवं अक्षम्य है। जिला जेलों में बंद टाॅप टेन अपराधियों पर निगरानी को बेहतर तरीके से करने की जरूरत है, जिससे कि इस प्रकार की घटना पुनः न घटित हो। यह घटना किसी भी प्रकार से स्वीकार योग्य नहीं है।
बैठक में प्रमुख सचिव कारागार राजेश प्रताप सिंह, डीजी जेल आनंद कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।