दीनदयाल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
कुशीनगर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर द्वारा आज सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जयन्ती के अवसर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि रजनीकांत मणि त्रिपाठी,पूर्व सदस्य, विधानसभा, कुशीनगर द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन किया।
प्रदर्शनी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के प्रारम्भिक जीवन लेकर अंतिम जीवन तक के व्यक्तित्व एवं कृतित्त्व को छायाचित्रों के माध्यम दर्शाया गया है। उक्त के अतिरिक्त प्रदर्शनी में उनके सामाजिक कार्यों, एकात्म मानववाद एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उधोग आदि के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये योगदान को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद परिचर्चा में मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि पं दीनदयाल जी साधारण जीवन ब्यतीत करने वाले व्यक्ति थे। वे एक राजनेता के साथ लेखक, सम्पादक एवं विचारक थे। पं दीनदयाल जी ने देश को मजबूत करने के लिए अंतिम पंक्ति में खड़े ब्यक्ति के विकास पर बल दिया।वे एकात्म मानव वाद के प्रणेता थे। उनका जीवन मानवता के लिए एक प्रेरक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के प्रति न्योछावर कर दिया।अतिथियों का स्वागत एवं आभार संग्रहालयाध्यक्ष अमित कुमार द्विवेदी ने किया।
कार्यक्रम का संचालन तेज प्रताप शुक्ला ने किया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक ऋषिकेश प्रजापति, सच्चिदानंद एवं छात्र-छात्रायें तथा प्राण रंजन, कृष्ण कुमार,अमित सिंह, विपुल, गोविंद,वेग, मीरचन्द आदि उपस्थित रहे।