खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश को न मानते हुए , गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित
देवरिया - कुशवाहा गेट से लगभग 600 मीटर की दूरी पर देवरिया ख़ास में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित है | जिससे बच्चो का भविष्य अंधकारमय है | आपको बतातें चले कि पहले यह विद्यालय ज्ञानोदय विद्या मंदिर के नाम से पिछले पांच वर्षो से चल रहा था , किन्तु कोरोना काल में विद्यालय के प्रधानाचार्य संदीप रावत द्वारा बंद कर दिया गया | फ़रवरी माह से विद्यालय का संचालन प्रधानाचार्य द्वारा अपने आवास से प्रारम्भ किया गया |
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के निर्देशानुसार गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय को बंद करने का निर्देश था |इसी क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा 23 जून समय ( प्रात: 9 बजकर 55 मिनट) जांच में गलत पाए जाने पर बीईओ द्वारा विद्यालय बंद करने को कहा गया | एक हफ्ते विद्यालय बंद रहा फिर विद्यालय खुल गया , एक अलग नाम से नटखट स्कूल |
यह मकान आवासीय है ,न खेल का मैदान है और न ही बच्चो के उठने- बैठने की कोई व्यवस्था फिर भी नर्सरी से कक्षा पांच तक विद्यालय संचालित किया जा रहा है |
आज खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र विजय पाल नरायण त्रिपाठी से प्रात : 8 बजकर 31 मिनट पर निष्पक्ष प्रतिनिधि की टीम से दूरभाष वार्ता में बीईओ ने कहा कि मेरे बार- बार मना करने के बाद भी यह विद्यालय संचालित हो रहा है तो मै इसकी जांच कर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही करूँगा |
विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि मैंने नटखट स्कूल की फ्रेंचाइजी ली है | इस बात पर जब निष्पक्ष प्रतिनिधि की टीम ने सुबह 9 बजकर 14 मिनट श्री कृष्ण एजुकेशनल ट्रस्ट ( नटखट स्कूल ) की प्रबंध निदेशिका गुंजन झा से बात किया तो उन्होंने बताया कि हमने सिर्फ नर्सरी , UKG और LKG कक्षाएं चलाने की परमिशन दी है और वह भी मानक के शर्तानुसार |
अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में जिन बच्चो का इस विद्यालय में नामाकन हो चुका है उनका भविष्य क्या होगा ? रुपए कमाने के चक्कर में विद्यालय प्रबंधन भारत के भविष्य के साथ खिलवाड़ कब तक करते रहेंगे और शासन , प्रशासन हाथ सिकोड़े बैठा रहेगा ?