घर-घर दस्तक देकर वैक्सीनेशन के लिए करेंगे प्रोत्साहित
देवरिया-जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज वर्चुअल माध्यम से घर-घर दस्तक अभियान के तहत आगामी 12 दिनों तक चलने वाले विशेष 'कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव' की समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी ने जनपद के सभी 1185 ग्राम पंचायतों में वैक्सीनेशन के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाकर टीकाकरण कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। वैक्सीनेशन से ही इससे सुरक्षित रहा जा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि मोबिलाइजेशन टीम के पास ड्यू लिस्ट प्रत्येक दशा में उपलब्ध होना चाहिए। इस टीम में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा, पंचायत सहायकों को अपने कार्यदायित्वों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। कोटेदार, लेखपाल एवं ग्राम प्रधान की सक्रिय भागीदारी से वैक्सीनेशन से वंचित लोगों को प्रोत्साहित कर टीकाकरण केंद्र पर लाया जाए। डीएम ने कहा कि इस विशेष वैक्सीनेशन ड्राइव की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। इस कार्य में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी शासन की मंशानुरूप पूरी निष्ठा के साथ कार्य करें।
जिलाधिकारी ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह को निर्देश दिया कि सभी टीकाकरण केंद्रों पर समय से वैक्सीन पहुँच जाए। वैक्सीनेटर, वेरिफायर और मोबिलाइजर संबंधित एमओआईसी के मार्गदर्शन में समन्वय स्थापित कर कार्य करें। डीएम ने कहा कि इस अभियान में घुमन्तु, ईंट-भट्ठों के कामगारों और सुभेद्य वर्गों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, सीएमओ डॉ आलोक पांडेय, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) कुँवर पंकज, बीएसए सन्तोष कुमार, डीपीआरओ अविनाश कुमार, डीपीओ कृष्णकांत राय सहित समस्त एमओआईसी मौजूद थे।
क्या है घर-घर दस्तक अभियान?
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि घर-घर दस्तक 2.0 अभियान का उद्देश्य घर घर जाकर पात्र आबादी को पहली, दूसरी एवं बूस्टर डोज लगाना तथा संतृप्त अवस्था को प्राप्त करना है। सरकार इस अभियान के तहत साठ वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, स्कूलों और महाविद्यालयों (12 से 18 वर्ष की आबादी के टीकाकरण हेतु) घुमन्तु और सुभेद्य वर्गों को वैक्सीन की सुरक्षा कवच में सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है।