एक दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
गोरखपुर-अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय सप्ताह (16 से 20 मई, 2022) के अन्तर्गत आज राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर एवं चन्द्रकान्ति रमावती देवी आर्य महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘विश्व के प्रसिद्ध संग्रहालयों की यात्रा‘‘ विषयक एक दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन चन्द्रकान्ति रमावती देवी आर्य महिला महाविद्यालय, दीवान बाजार, गोरखपुर में किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि पुष्पदंत जैन, उपाध्यक्ष, व्यापारी कल्याण बोर्ड एवं दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री, उ0प्र0 द्वारा फीता काटकर दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ किया गया।
;प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर मुख्य पुष्पदंत जैन ने कहा कि विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर संग्रहालय द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी को देखकर मैं गौरवान्वित हूॅं। विश्व के विभिन्न संग्रहालयों के छायाचित्रों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि निश्चित रूप से संग्रहालय मानव जाति के लिए प्रेरणास्पद है। इसलिए हमें हर संभव यह प्रयास करके संग्रहालयों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना चाहिए, जिनसे कि आगे की पीढ़ियों को हम अपनी गौरवशाली विरासत से परिचित करा सके। इस संग्रहालय में मानव जीवन के विविध पक्षों, कलाओं से सम्बन्धित कलाकृतियां संग्रहीत है, जो निश्चित रूप से मानव जाति के इतिहास की समृद्धि की सूचक है। हमें यह भी प्रेरणा मिलती है कि मनुष्य अपने छोटे से जीवन काल में कितना कुछ कर सकता है।
उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने कहा कि इतिहास केवल घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है। इतिहास हमें शिक्षा भी देता है और प्रेरणा भी। इतिहास अमूर्त होता है और संग्रहालय उसी इतिहास को मूर्त बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मानव सभ्यता का इतिहास इस सत्य को उजागर करता है कि मनुष्य ने अपने अतीत को सुरक्षित रखने का प्रयास किया, क्योकि विधाता की सृष्टि में मनुष्य उसकी सर्वश्रेष्ठ रचना है। मनुष्य वर्तमान में जीता है, परम्परा प्रेमी होने के कारण मनुष्य ने विविध रूपों में अपने अतीत को संकलित और दर्शनीय बनाने की चेष्टा की है। संग्रहालय मनुष्य के उसी चेष्टा के सबल परिणाम हैं।
संग्रहालय में संग्रहीत कलावस्तुएं जन संवाद का सशक्त माध्यम हैं- संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने कहा कि संग्रहालय निश्चित रूप से जन संवाद का एक सुुद़ृढ़ माध्यम हैं। संग्रहालयों की विशेषता और उनके महत्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 1983 में 18 मई को विश्व संग्रहालय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया। अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद वर्ष 1992 से प्रत्येक वर्ष एक विषय चयन करता है एवं जनसामान्य को संग्रहालय विशेषज्ञों से मिलाने एवं संग्रहालय की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए स्रोत सामग्री विकसित करता है। इस साल अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2022 की थीम ‘‘संग्रहालय की शक्ति‘‘ है।
अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2022 की इस थीम का उद्देश्य तीन लेंसों के माध्यम से समुदायों में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए संग्रहालयों की क्षमता का पता लगाना है। स्थिरता प्राप्त करने की शक्ति। डिजिटलीकरण और पहुॅंच पर नवाचार की शक्ति।
प्रदर्शनी में भारतीय संग्रहालय, कोलकाता, पटना म्यूजियम, बिरला इन्डस्ट्रीयल एण्ड टेक्नालोजिकल म्यूजियम, विक्टोरिया मेमोरियल म्यूजियम, सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल मेमोरियम म्यूजियम, कोलकाता, नैपियर म्यूजियम मद्रास, नेशनल म्यूजियम, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, शंकर्स इन्टरनेशनल डाल म्यूजियम, राजकीय संग्रहालय, बंगलौर, लाहौर म्यूजियम, स्टेट म्यूजियम शिमला, हिमांचल स्टेट म्यूजियम, हवा महल, जयपुर, पतंग म्यूजियम व आटोवल्र्ड म्यूजियम अहमदाबाद, दिल्ली, रिजनल म्यूजियम्स आफ नेचुरल हिस्ट्री, भोपाल, नेशनल रेल म्यूजियम दिल्ली, सालार जंग म्यूजियम, हैदराबाद, त्रिपुरा गवर्नमेंन्ट म्यूजियम, राज्य संग्रहालय, प्रिंस आफ वेल्स म्यूजियम, मुम्बई शिमला म्यूजियम, बाबा भलुक रेल म्यूजियम शिमला, भारत कला भवन, नेशनल टेलीकाम म्यूजियम, भोपाल टेट माडर्न म्यूजियम लन्दन, नेशनल गैलरी सेन्ट्रल लन्दन, ब्रिटिश म्यूजियम, विक्टोरिया एण्ड अलबर्ट म्यूजियम, म्यूजियम आफ डेथ, कैलीफोर्निया, नेशनल एयर एण्ड स्पेट म्यूजियम, वेटिकन म्यूजियम, स्टेट हिस्टोरिकल म्यूजियम मास्को, स्टेट हर्मीटेज संग्रहालय आदि के छायाचित्र विशेष आकर्षण के केन्द्र है।
संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डाॅ0 अपर्णा मिश्रा, सहित विद्यालय के गुरूजनों यथा डाॅ0 रेखा रानी शर्मा, डाॅ0 स्वप्निल मिश्रा, डाॅ0 तृप्ति त्रिपाठी, डाॅ0 सारिका, डाॅ0 पवन, वीरेन्द्र गुप्ता, डाॅ0 अनन्त पाठक, डाॅ0 पूनम शुक्ला, डाॅ अरूण मणि त्रिपाठी, शैलेन्द्र राव, श्वेता, सौम्या आदि सहित तमाम गणमान्य जन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।