संस्कृत भारतवर्ष की अस्मिता का प्रतीक: सिंह

जयपुर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी व राजस्थान राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने संस्कृत को भारतवर्ष की अस्मिता का प्रतीक बताया। वह संस्कृत सप्ताह के तहत राजस्थान संस्कृत अकादमी, संस्कृत शिक्षा निदेशालय और जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विशिष्ट व्याख्यान माला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा,‘‘ संस्कृत भारतवर्ष की अस्मिता का प्रतीक है। पूरी दुनिया में भारत की पहचान धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में है और यह पहचान उसे संस्कृत ही प्रदान करती है।’’ उन्होंने कहा कि भारत के दर्शन, चिंतन, कला, अध्यात्म और इतिहास की प्राणवायु संस्कृत है। संस्कृत के बिना भारत का कोई अस्तित्व नहीं है। यहां जारी बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि यह भाषा शास्त्रीय और लोक,भाषा- परंपराओं को एकाकार और समृद्ध करती है । भाषा

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