उ0प्र0 मत्स्य अधिनियम 1948 के अन्तर्गत निर्गत शासनादेशो व प्राविधानो का पालन अनिवार्य
देवरिया - जिला मजिस्ट्रेट आशुतोष निरंजन ने मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा 3 उपधारा (1) के अन्तर्गत निर्गत शासनादेशों एवं प्राविधानो के नियम 1 से 4 को तत्काल प्रभाव से लागू किये जाने का निर्देश दिया है। आदेशों की अवहेलना इस अधिनियम के तहत दण्डनीय होगा।
जिलाधिकारी ने दिये आदेश में कहा है कि उन सभी तालाबो, जलाशयों नदियों की समस्त जन धाराओं पर प्रभावी होगे जो जनपद की सीमा में है, जो जिला मजिस्ट्रेट देवरिया द्वारा यथाविधि व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किये गये हो। कोई भी व्यक्ति विष्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषेले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा।
कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई से 30 सितम्बर तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा और न ही बेचेगा तथा 01 जुलाई से 31 अगस्त तक प्रजनन शील मछलियों को न तो कोई पकड़ेगा, न ही मारेगा और न ही बेचेगा जब तक कि उसके पास उ0प्र0 मत्स्य विभाग द्वारा निर्गत वैध लाइसेन्स न हो। यह प्रतिबन्ध शासनादेश द्वारा इसमे की गयी संशोधन के अनुसार जल खण्डो पर लागू होगा। उन्होने निर्देशित करते हुए यह भी कहा है कि कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृति वहाव को रोकने हेतु कोई अवरोध नहीं लगायेगा और न ही ऐसा करके मत्स्य जीरा, अंगुलिका और मछली नहीं पड़ेगा अथवा नष्ट नही करेगा और न ही पकड़ने अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा। इन आदेशों के उल्लंघन में लगाये गये अवरोधक सामग्रियों, पकड़े गये मत्स्य जीरा एवं मछली सहित, जब्त कर ली जायेगी।
जिलाधिकारी ने इस अधिनियम के तहत लागू प्राविधानो का अक्षरशः पालन जनपद में कराये जाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है। उन्होने आम जन से कहा है कि इस आदेश का कदापि उल्लंघन नही करेगें, अन्यथा वे दण्ड के प्रतिभागी होगें।