‘हमारी अमूल्य धरोहर‘‘ विषय पर आनलाइन छायाचित्र प्रदर्शनी आयोजित की गयी


गोरखपुर - राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 17 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के पूर्व संध्या पर प्राचीन स्मारकों पर आधारित ‘‘हमारी अमूल्य धरोहर‘‘ विषय पर छायाचित्र प्रदर्शनी का  आनलाइन आयोजन किया गया। उक्त प्रदर्शनी 18 अप्रैल, 2021 को आयोजित की जानी थी किन्तु कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव के कारण उ0प्र0 सरकार द्वारा लिये गये निर्णयानुसार 18 अप्रैल, 2021 दिन रविवार को साप्ताहिक लाक डाउन घोषित किये जाने के कारण उक्त आन लाइन प्रदर्शनी आज 17 अप्रैल, 2021 को आयोजित की जा रही है। जिसे सोशल मीडिया यथा- ट्वीटर, संग्रहालय के यू ट्यूब चैनल, इन्टाग्राम, फेसबुक एवं लिंकडिन आदि के माध्यम से देखा जा सकता है।

 विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी छात्रों, जनसामान्य, विशेष रूप से इतिहास एवं कलाप्रेमियों के लिए लाभप्रद सिद्ध होगी। प्रदर्शनी देश के प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों के महत्व के विभिन्न पहलुओं को दिखाने के साथ उनके संरक्षण के प्रति जनसामान्य को जागरूक करने का एक सार्थक प्रयास है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। यदि हम अपने गौरवशाली अतीत को संरक्षित रखंेगे, तो आने वाली पीढ़ियां उस पर गर्व का अनुभव करेंगी।

उक्त अवसर पर संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने बताया कि किसी भी देश के लिए उसकी धरोहर उसकी अमूल्य संस्कृति होती है। किसी भी देश की पहचान, वहां की सभ्यता की जानकारी इन धरोहरों से ही पता चलती है। आज देश का गौरव बढ़ाने का काम यह धरोहरें ही कर रही हैं। जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से लाखों पर्यटक प्रत्येक वर्ष एक देश से दूसरे देश, एक राज्य से दूसरे राज्य जाते हैं। यदि यह धरोहर यह विरासत ना हो तो हम कभी किसी का इतिहास नहीं जान पाएगें। अतीत हर व्यक्ति, हर देश के लिए बहुत जरुरी है। इतिहास में कब, क्या, कहां घटित हुआ यह जानना अति आश्यक है। धरोहरों के संरक्षण के लिए एक विशेष दिन 18 अप्रैल को चुना गया। जिसे प्रत्येक वर्ष विश्व धरोहर दिवस के रुप में मनाया जाता है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी सभ्यता और इतिहास से भली भांति परिचित हो सके। विलुप्त हो रही ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की दिशा में विश्व धरोहर दिवस की पूर्व संध्या पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर द्वारा उक्त प्रदर्शनी‘ लगाई गई है। विश्व विरासत दिवस विश्व के धरोहरों व स्मारकों के संरक्षण व विकास से जुडी संस्थाओं तथा स्थानीय लोगों के मध्य संवाद के लिए एक मंच का कार्य करता है। विश्व धरोहर दिवस को मनाने का प्रस्ताव सर्वप्रथम 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में आयोजित अन्तर्राट्रीय स्मारक व पुरास्थल परिषद की बैठक में किया गया, जिसके सुझाव को 1983 में यूनेस्को सम्मेलन में अनुमोदित किया गया, तब से प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस का आयोजन किया जाता है। 

उन्होंने यह भी कहा कि यूनेस्को द्वारा International Council on Monuments and Sites (ICOMOS) के माध्यम से प्रत्येक वर्ष एक थीम (अवधारणा) दी जाती है और इस बार अथवा वर्ष 2021 की थीम  ” Complex Pasts : Diverse Future”  है।

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