कृषि इनपुट डीलर्स ने केन्द्र का किया भ्रमणः प्रो. रवि प्रकाश
बलिया - कृषि विभाग बलिया के सौजन्य से चलाये जा रहे डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्टेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर्स (डेशी) के अन्तर्गत डिप्लोमा कर रहे डीलर्स ने कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया परिसर का भ्रमण किया ।
कार्यक्रम के फैशिलिटेटर रामा प्रसाद जायसवाल ने बताया कि पहले से जिनके पास उर्वरक एवं पेस्टीसाइड का लाइसेंस है तथा इनका बिक्रय करते आ रहे है। परन्तु उनकी योग्यता स्नातक कृषि या स्नातक रसायन विज्ञान मे नही है ,ऐसे लाइसेंस धारकों को 48 दिवसीय डिप्लोमा कोर्स चलाया जा रहा है। जो माह के प्रत्येक रविवार को आयोजित किया जाता है।
अब केवल कृषि स्नातकों या रसायन विज्ञान में स्नातकों को ही सरकार द्वारा उर्वरक एवं पेस्टीसाइड बिक्रय का लाइसेंस दिया जायेगा। इसी कड़ी में आज रविवार को 21 वाँ दिन भ्रमण कार्यक्रम केन्द्र पर कराया गया।
केन्द्र के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि रसायनिक उर्वरकों कीटनाशकों का अन्धाधुन्ध प्रयोग खेती मे होने के कारण उनका मानव स्वास्थ्य ,पशुओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है ,जिसके कारण बहुत सी बीमारियां हो रही है , ऐसी स्थिति में जैविक खेती करना आवश्यक हो गया है।
प्रो. मौर्य ने बिक्रेताओं को सलाह दिया कि आप सभी फसलों की उत्पादन बढाने के लिए जैवउर्वरक ,कीट प्रबधंन के लिए जैविक कीटनाशी ,फेरोमोन ट्रेप की बिक्री करें तथा किसानों को इनके प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करें।
कृषि यंत्र विशेषज्ञ ई. एम.पी.सिंह ने आधुनिक फसल सुरक्षा यंत्रो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बैटरी चालित, सौर उर्जा चालित ,स्प्रेयर, डस्टर अपने बिक्रय स्थल पर रखे तथा जैविक कीटनाशकों के घोल बनाकर छिड़काव की सही तरीका बताये।
गृह विज्ञान विशेष डा.प्रेम लता श्रीवास्तव ने ईमानदारी से कृषि निवेशों के बिक्री हेतु सलाह दिया तथा बताया कि किसानों के साथ व्यवहार अच्छा होना चाहिए। सही खेती की सामग्री, समय से , उचित कीमत पर बिक्रय करेगे तो ज्यादा से ज्यादा किसान आप के पास आयेगे।
अंत मे केन्द्र प्रक्षेत्र पर हल्दी, अरहर, चना मसूर एवं गेहूँ आदि फसलो का अवलोकन कराकर तकनीकी जानकारी दी गयीं।।जनपद के विभिन्न विकास खण्डों के 40 डीलर्स इस कार्यक्रम मे भाग ले रहे है।