गणतंत्र को पाने के लिए भारतीय जन ने अनेक कुर्बानियां दीं-प्रो वैद्यनाथ लाभ


नालंदा -नव नालंदा महाविहार सम विश्व विद्यालय, नालंदा में गणतंत्र- उत्सव धूमधाम से मनाया गया। ध्वजारोहण के उपरान्त कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने जन- सम्बोधन किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने भारतीय गणतंत्र बनने की प्रक्रिया बताई तथा गणतंत्र के अतीत की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि भारतीय गणतंत्र बहुत प्राचीन है और आज के गणतंत्र में उसकी छवियां हैं। इस गणतंत्र को पाने में भारतीय जनता को बहुत सी कुर्बानियां देनी पड़ी है।

महाविहार के संस्थापक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान सभा का अध्यक्ष जब उन्हें मनोनीत किया गया तो उन्होंने भारतीय संविधान को एक नए दृष्टिकोण से रचने के लिए समिति सदस्यों के साथ प्रयत्न किए। 

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में गणतंत्र को बचाए रखना हमारा हमारी जिम्मेदारी है और हर व्यक्ति को उसके लिए श्रम करना चाहिए । अगर हम सब मिलजुल कर भारतीय समाज में  जाति , पंथ,  भाषा , क्षेत्र  आदि के अतिवाद से मुक्त हो जाएं तो भारतीय गणतंत्र की असली सार्थकता है।  हम एक बेहतर भारत की ओर बढ़ रहे हैं और यही भारतीय गणतंत्र की सबसे बड़ी सफलता है। किसी को एक दिन नहीं बनाया जा सकता किंतु बनाने की प्रक्रिया में जनमानस का संपूर्ण योगदान अपेक्षित होगा । जिन भारतीय मनीषियों ने भारत की आजादी और गणतंत्र को विकसित किया आज हम उनका नमन करते हैं और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं। भारत को नई दिशा में ले जाने का दायित्व हम सभी का है और हमें मिलजुल करके इसे आगे ले जाना चाहिए।

 इस अवसर पर डॉ  नीहारिका लाभ के अलावा महाविहार के आचार्य , गैरशिक्षण समुदाय के सदस्य,  शोध छात्र  अन्य छात्र तथा आसपास के गांव के लोग भी मौजूद थे। कुलपति महोदय की मौजूदगी में  आरक्षी बल ने राष्ट्रध्वज को सलामी दी।

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