उर्वरकों के बिक्री पर सर्तक दृष्टि रखें अधिकारी
- अवैध परिसंचलन पर होगी कठोरतम कार्यवाही-डीएम |
देवरिया- जिलाधिकारी अमित किशोर ने बताया है कि वर्तमान में माह नवंबर में बोई गयी फसलों में टाॅप ड्रेसिंग के दृष्टिगत जनपदों में पर्याप्त में उपलब्ध उर्वरकों का कृषकों में वितरण/बिक्री पर सर्तक दृष्टि बनाये रखने के निर्देश शासन से प्राप्त हुए है, ताकि प्रदेश के बाहर उर्वरक का अवैध परिसंचलन न हो सके। उन्होने यह भी कहा है कि उर्वरकों की शीर्ष मांग के समय असमाजिक तत्वों द्वारा उर्वरकों का अवैध परिसंचलन का भी प्रयास किया जाता है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 व उर्वरक परिसंचलन(नियंत्रण)आदेश 1973 का उल्लंघन है।
जिलाधिकारी ने उर्वरक वितरण पर सतत दृष्टि अपनाये रखने के लिये जनपद के सभी उप जिलाधिकारियों व थानाध्यक्षों को निर्देशित करते हुए कहा है कि जनपद में उर्वरकों की उपलब्धता बनाये रखने व उर्वरकों(विशेषकर यूरिया) के अन्तर्राज्यीय परिसंचलन को रोकने हेतु जनपद से लगे बिहार प्रान्त के सीमावर्ती क्षेत्रों पर सर्तक निगरानी रखी जाये, ताकि जनपद से बाहर उर्वरक न जा सके और भविष्य में उर्वरकों के संभावित अभाव से बचा जा सके। उन्होने उर्वरकों के अवैध परिसंचलन में संलिप्त पाये जाने वाले असमाजिक तत्वों के विरुद्ध उक्त अधिनियम की धाराओं के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही भी सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये है।
इसी क्रम में जिला कृषि अधिकारी मो0 मुजम्मिल ने सभी सहायक विकास अधिकारी(कृषि) को निर्देशित किया है कि वे अपने विकास खंड अन्तर्गत प्रत्येक दिन कम से कम 10 उर्वरक दुकानो का निरीक्षण करेगें। निरीक्षण के समय यह ध्यान रखेगें कि विक्रेता के पीओएस मशीन में जितना स्टाक प्रदर्शित हो रहा है, उतना स्टाक भौतिक रुप से उपलब्ध है या नही और उनके द्वारा उर्वरकों की प्राप्ति ली गयी है या नही। अगर विक्रेता का प्राप्ति पेडिंग है तो तत्काल उनकी प्राप्ति करवाना सुनिश्चित करेगें। उन्होने यह भी कहा है कि विक्रेता द्वारा डिजिटल प्रणाली से लेनदेन किया जा रहा है या नही। अगर विक्रेता द्वारा ऐसा नही किया जा रहा हो तो तत्काल उनको क्यूआर कोड जनरेट कराने हेतु निर्देशित किया जाये। क्यों कि बिना क्यूआर कोड के उर्वरकों की आपूर्ति नही होगी। विक्रेता द्वारा पीओएस मशीन के माध्यम से उर्वरको का वितरण/बिक्री कृषकों के जोतवही के अनुसार निर्धारित दर पर किया जाये। उन्होने सभी एडीओ पंचायत(कृषि) को इसका अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक दिन की स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिये है।