जनपद के 7197 कन्याओं को मिला सुमंगला योजना का लाभ



  • अब तक ऑनलाइन 23817 आवेदन प्राप्त हुए |



  • बेटियों को सुमंगला योजना से बढ़ावा देने हेतु प्रदेश सरकार कटिबद्ध |



 

कुशीनगर -जनपद की कन्याओं को स्वास्थ्य व शिक्षा का प्रोत्साहन देने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इस उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार बेटियों को मजबूत बनाने हेतु कन्या सुमंगला योजना चलाकर बालिकाओं को शिक्षा प्रदान कर मजबूत बनाना है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत जिले के 7197 पात्र लाभार्थियों को 952.99 लाख  की धनराशि उनके खाते में पीएफएमएस के माध्यम से भेजी जा चुकी है। अवशेष आवेदन पत्रों के सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है जो शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी।

 

जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पांडेय ने बताया कि योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह की कुुप्रथा को रोकना, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने में सहायता प्रदान करना तथा बालिकाओं के प्रति सामाज में सकारात्मक सोच विकसित करना है |

 

इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न छः श्रेणी के लाभार्थियों को लाभ दिया जाता है, जिसमें नवजात बालिका जिसका जन्म 01 अप्रैल 2020 या उसके बाद हुआ हो को 2000, ऐसी बालिका जिसका 01 वर्ष तक पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो को 1000, कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के बाद 2000, कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश के बाद 2000, कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश के बाद 3000 तथा अन्तिम श्रेणी में ऐसी बालिकाएं जिन्होंने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा दो वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो को 5 हजार रूपये की धनराशि से लाभार्थी को लाभान्वित कराया जा रहा है।

 

मुख्यमंत्री कन्यासुमंगला योजना के अन्तर्गत 7197 आवेदन पत्र कमेटी की संस्तुति के उपरान्त शासन को प्रेषित किये गये थे जिसमे प्रथम श्रेणी के 2573, द्वितीय श्रेणी के 1852, तृतीय श्रेणी के 1729, चतुर्थ श्रेणी के 465, पंचम श्रेणी के 397, षस्टम श्रेणी के 181,आवेदकों  को लाभान्वित किया जा चुका है। 

 

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने पात्रता की शर्तों के बारे में बताया कि आवेदन करने के लिये आवेदनकर्ता का वोटर आई डी, आधार कार्ड, आवेदक की बैंक पासबुक की फोटोकाॅपी, पिता का अधार कार्ड आई डी तथा शपथपत्र पात्रता की श्रेणी के लिये आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिये लाभार्थी का परिवार उ0प्र0 का निवासी हो, उसके पास स्थानीय निवास प्रमाण-पत्र हो, लाभार्थी की परिवारिक वार्षिक आय अधिकतम 3 लाख हो तथा किसी परिवार की अधिकतम दो बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा तथा परिवार में अधिकतम दो ही बच्चें हों।

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