एन डी आर एफ ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों मे सिखाए आपदा से बचने के उपाय

 



  • एन डी  आर  एफ ने आपदा मे बचाव के तरीके  सिखाने के साथ  जरुरत मंदों मे दवाई वितरण की|



  •   एकजुट होकर किसी भी आपदा से लड़ा जा सकता है | 

     



 

कुशीनगर - जिलाधिकारी  भूपेन्द्र एस चौधरी  के निर्देशन में 11वीं  वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी की टीम खड्डा तहसील के बाढ़ प्रभावित दूरस्त क्षेत्रों का पिछले कई दिनों से लगातार  जन जागरुकता कर रही है  साथ ही  दवाई वितरण भी कर रही है ।

इसी  क्रम में ग्राम शिवपुर , हरिहरपुर और नारायणपुर  में टीम द्वारा जरूरतमंद लोगों को दवाई वितरण किया  गया एवं बाढ़ आने से, पहले बाढ़ आने पर और बाढ़ जाने के बाद के परिस्थितियों पर बचाव व रखरखाव के बारे में बताया साथ ही विभिन्न आपदाओं के बारे में अवगत कराया जिसमें सर्पदंश, स्वयं की साफ-सफाई पानी का उपयोग, आपातकालीन किट की तैयारी , कठिन परिस्थितियों में उपलब्ध सामानों से राफ्ट बनाने के तरीके के बारे में बताया। 

 

सर्पदंश पूरे भारतवर्ष में तीन सौ के आस-पास सांपों की प्रजातियां पाई जाती है जिसमें पांच प्रतिशत  ही सांप विषैले होते हैं ।कुछ  सावधानी  बरत कर इससे बचा जा सकता है।

 

 क्या करें- 

1-सांप काटे हुए स्थान को साफ पानी या साबुन से धुलाई करें ।

2-.रोगी को हिलने डुलने से रोके।

3-रोगी को सोने ना दे ।

4-रोगी को सांत्वना देते रहें ।

5-पट्टी को टाइट न बांधें अन्यथा अंग को काटना पड़ सकता है 

6-जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएं।

 

क्या ना करें- 

1-किसी भी प्रकार का कट ना लगाएं।

2-मुह से काटे जगह पर खून ना चूसे । 

3-झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़े। क्योंकि जब कोई बिना विष  वाला सांप काटता है उस से बच के लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं और अन्धविश्वास मे विश्वास करने लगते हैं।

4-काटे हुए सांप को ढूंढे नहीं जो सांप रोगी को काटा है उसे ढूंढ कर मार कर ले जाने का प्रयास ना करें। अन्यथा किसी और को भी वह काट सकता है |

5-बिना जानकारी का कोई भी ऐसा इलाज ना करें जिसका कोई वैज्ञानिक तथ्य ना हो।

6- रोगी को डराए नहीं ।

 

 बाढ़  की तैयारियां- 

 (क) बाढ़ आने से पहले- 

1-घर में सूखे राशन रखें जो जलभराव के समय आपके भोजन का काम करें ।

2- कीमती सामान और दस्तावेजों को सुरक्षित करें।

3-आपातकालीन कीट की लिस्ट बनाएं और उसे घर में रखें ( टॉर्च रेडियो ,मेडिकल किट  ,क्लोरीन की गोलियां, डिब्बाबंद भोजन या सूखे फल , माचिस , रस्सी ,  व्यक्तिगत दस्तावेज ,साफ-सफाई के समान, कंबल, मच्छरदानी , घर में छोटे बच्चे हैं तो  दूध के बोतल , इत्यादी सुरक्षित स्थान पर रख ले। 

4-  घर में कोई रोगी ,बच्चे, गर्भवती महिला या बृद्ध हैं  तो बाढ़ आने से पहले उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दे ।

 

(ख )बाढ़ आने पर- 

1-गंदे पानी का प्रयोग पीने में ना करें।उबला हुआ पानी ठंडा करके पिए।क्लोरीन की गोली का प्रयोग करे। 

2-अपनी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें ।

3- बाढ़ के पानी  में नहाने के लिए ना जाए।

4-  मच्छरदानी का उपयोग करें।

(ग) बाढ़ जाने के बाद- 

1- ठहरा हुआ पानी अपने साथ अनेकों रोग लेकर आता है।

2-साफ सफाई का ध्यान रखें

3- घर से पानी निकलने पर  घर के विशेष स्थानों को ध्यान से साफ सफाई करें। क्योंकि इसमें जहरीले कीट पतंग हो सकते हैं।

 

घर मे मौजूद वस्तुओं से राफ्ट बनाने का तरीका -

1- केले के तने को एक साथ बांधकर राफ्ट बनाया जा सकता है ।

2- घर में खाली बर्तनों को मुंह को पॉलिथीन से बंद करके उसमें डंडे लगाकर उसे राफ्ट बनाया जा सकता है।

3- लकड़ी के गट्ठर जो डूबते ना हो उनसे राफ्ट बनाया जा सकता है।

4- घर में खाली पड़े बोतलों को बंद करके उससे राफ्ट बना सकते हैं |

 

ध्यान रखे ये प्रयोग केवल आपातकालीन परिस्तिथियों  मे ही  करे।

Covid19 से  बचाव-

 covid-19 मुख्यतः किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से या दूसरे का प्रयोग किया हुआ समान छूने से फैलता है। अतः सामाजिक दूरी बनाए रखें ।मास्क का प्रयोग करें। हाथ से मुंह नाक को छूने से बचें हाथों की साबुन से धुलाई करते रहें बुखार खांसी या कोई भी असामान्य लक्षण दिखने पर सरकारी अस्पताल या कोवित 19 हेल्पलाइन नंबर को सूचित करें। इस कार्यक्रम मे  लोगों को दवाई दिया गया, जन जागरुकता मे लोगों ने हिस्सा लिया ।

 

टीम कमांडर इंस्पेक्टर  दिनकर त्रिपाठी  ने बताया की किसी भी आपदा में जिस प्रकार एक परिवार एक साथ काम करता है उसी प्रकार पूरे गांव किसी भी आपदा से निपटने के लिए एक होकर स्वयं और अपने गांव समाज को बचा सकते हैं। टीम अन्य  ग्यारह रेस्कुअरो ने हिस्सा लिया।

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