अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की संचालित योजनाओं का उठायें लाभ- जिलाधिकारी
देवरिया- जिलाधिकारी अमित किशोर ने बताया है कि उ0प्र0 सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों के आर्थिक उत्थान हेतु उ0प्र0अनु0जाति वित्त एवं विकास निगम लि0 द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों/परिवार जिनकी ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय रुपये 46080 एवं नगरीय क्षेत्र में वार्षिक आय रुपये 56460 से कम है, उन्हे आत्मनिर्भर बनाने हेतु योजनायें संचालित है। सभी योजनाओं में आधार कार्ड, पहचान पत्र, दो फोटो तथा तहसील स्तर से प्राप्त आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना आवश्यक है।
निगम द्वारा संचालित योजनायें है, पं0दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना(स्वतः रोजगार योजना), नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना, लाण्ड्री एवं डाईक्लीनिंग योजना, सिलाई/टेलरिंग योजना। उन्होने बताया है कि पं0दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना(स्वतः रोजगार योजना) के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों का उद्योग/व्यवसाय संचालित करने हेतु राष्ट्रीयकृत बैकों के माध्यम से रुपये 20 हजार से लेकर 15 लाख तक की योजनायें स्वीकृत करायी जाती है, जिसमें रुपये 10 हजार का अनुदान व रुपये 50 हजार से अधिक की योजनाओं में योजना लागत का 25 प्रतिशत भाग, 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर मार्जिन मनी ऋण के रुपये में दिया जाता है, जिसकी अदायगी 36 मासिक किस्तों में की जाती है।
जिलाधिकारी ने बताया है कि नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना के अन्तर्गत ऐसे अनुसूचित जाति के पात्र परिवार जिनके परिवार पास 13.32 वर्गमीटर व्यवसायिक स्थल पर भूमि उपलब्ध है, उन्हे स्वयं द्वारा दुकान निर्माण कराने हेतु दो किस्तों में (58500$19500) कुल रुपये 78000 उनके खातें में भुगतान कर दुकान का निर्माण कराया जाता है, जिसमें रुपये 10 हजार अनुदान एवं रुपये 68 हजार बिना ब्याज का ऋण होता है, जिसकी अदायगी 120 मासिक किस्तों में करनी होती है। लाण्ड्री एवं डाईक्लीनिंग योजना वित्तीय वर्ष 2004-05 से संचालित की जा रही है। इस परियोजना की कुल लागत रुपये 2.16 लाख तथा एक लाख निर्धारित है, जिसमें रुपये 10000/-अनुदान तथा शेष धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रुप में है, जिसकी अदायगी पांच वर्षो में समान मासिक(60) किस्तों में की जाती है। यह योजना मात्र धोबी जाति के लिये संचालित है।
सिलाई/टेलरिंग योजना में अनुसूचित जाति गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले के बेरोजगार युवक/युवतियों को योजना लागत रुपये 20000/- का ऋण दिया जाता है, जिसमें रुपये 10000/- का अनुदान तथा रुपये 10000/- ब्याज मुक्त ऋण के रुप उपलब्ध कराया जाता है, जिसकी अदायगी 36 मासिक किस्तों में किया जाता है। पारिवारिक लाभ योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं तथा उ0प्र0 आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित स्वयं सहायता समूहों में पात्र अनु0जाति की महिलाओं तथा कौशल विकास मिशन द्वारा सिलाई कढाई ट्रेड में प्रशिक्षित व्यक्तियों को प्राथमिकता प्रदान की जाती है।