धान में खरपतवारों का नियंत्रण बहुत ही आवश्यक- रतन शंकर ओझा
देवरिया- जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने बताया है कि खरीफ की प्रमुख फसल धान मुख्य खाद्यान्न फसल है, जिसमें सकरी पत्ती, चौडी पत्ती, मोथा आदि खरपतवार पाये जाते है। ये खरपतवार फसल से नमी, पोषक तत्व, सूर्य का प्रकाश व स्थान हेतु प्रतिस्पर्धा करते है, जिससे मुख्य फसल के उत्पादन में कमी आ जाती है। इनसे कभी-कभी 15-18 प्रतिशत तक हानि होती है। सीधे बोये गये धान में रोपाई किये गये धान की तुलना में अधिक हानि होती है। पैदावार में कमी के साथ-साथ खरपतवार धान में लगने वाले रोगो के जीवाणुओं/कीट व्याधियों को भी आश्रय देते है।
खरपतवार का नियंत्रण बहुत आवश्यक हो जाता है। प्रामणित बीजो के प्रयोग, अच्छी सडी गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद के प्रयोग, सिचाईं की नालियों की सफाई आदि निवारण विधियों द्वारा धान में खरपतवारो का प्रवेश रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त यान्त्रिक विधियों जैसे हैण्डविडिंग को चलाकर पैडीवीडर आदि द्वारा भी इनका नियंत्रण हो सकता है। साथ ही शस्य क्रियाओं जैसे गहरी जुताई स्टेल सीड् बेड, कतार में बुवाई, सिचाईं व जल का उचित प्रबंधन, उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करके भी खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है।
उन्होने बताया है कि धान में खरपतवार नियंत्रण की यांत्रिक विधियां व हाथ से निराई-गुडाई प्रभावी होने पर भी प्रचलित नही है, जिससे अन्त में रासायनिक विधियों द्वारा ही नियंत्रण करना पड़ता है। रोपाई वाले धान में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के नियंत्रण हेतु ब्यूटाक्लोर 05 प्रतिशत ग्रेन्यूल 30-40 कि0ग्रा0 हेक्टयर या बेन्थियोकार्ब 10 प्रतिशत ग्रेन्यूल 15 कि0ग्रा0 या बेन्थियोकार्ब 50 ई0सी0 03 लीटर या पेंडीमैथिलीन 30 ई0सी0 3.3 लीटर या एनिलोफास 30 ई0सी0 1.65 लीटर या ब्यूटाक्लोर 50 ई0सी0 2-2.5 लीटर प्रति हेक्टर या प्रेटिलाक्लोर 1.25 लीटर प्रति हेक्टयर की दर से रोपाई से 3-4 दिन के अन्दर प्रयोग करें। ब्यूटाक्लोर का प्रयोग 3-4 से0मी0 पानी में करना चाहिये। दानेदार रसायनों के प्रयोग के समय खेत में 4-5 से0मी0 पानी भरा होना चाहिये।
यदि रोपाई/बोआई के बाद भी खरपतवार निकल आते है तो 15-25 दिन के अन्दर विस्पायरिबैक सोडियम 10 प्रतिशत की 200 मि0ली0 मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में प्रयोग करें। यह एक ब्रोड स्पेक्ट्रम खरपतवारनाशी है जो सकरी व चौडी पत्ती दोनो प्रकार के खरपतवारों को तीन पत्ती अवस्था तक नष्ट करता है। केवल चौडी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण हेतु 2, 4-डी सोडियम साल्ट की 625 ग्राम प्रति हेक्टयर में रोपाई के एक सप्ताह बाद करें। धान की रोपाई के 2-3 दिन बाद एक सप्ताह तक 1-2 से0मी0 पानी खेत में बने रहने से तथा उसके बाद पानी का स्तर 5-10 से0मी0 समान रुप से रखपे से खरपतवार की वृद्धि रोकी जा सकती है।