कद्दूवर्गीय सब्जियोंमें फल मक्खी की पहचान एवं प्रबंधन

किसान भाइयो कद्दूवर्गीय सब्जियोंमें जैसे करेला,खीरा,लौकी,तोरई,कद्दू आदि फसलो में फल मक्खी का प्रकोप होनेपर फसल की काफी क्षति होती है। इसका मैगट फलों के अन्दर ही अन्दर गूदे को खाकर नष्ट कर देता है । क्षतिग्रस्त फल कीट के अण्डे देने के स्थान पर से टेढ़ा हो जाता है और आसानी से पहचाना जा सकता है । अधिक दिन हो जाने पर फल पकने जैसे पीला पड़कर अंततः सड़ जाते हैं । कभी-कभी इस कीट से ९० प्रतिशत तक क्षति होती है । कुछ मैगट फूलों और कुछ बेल को भी खाते हैं । फलतः बेल में गाँठें बन जाती हैं । यह डिप्टेरा गण के ट्रिपिडी कुल का कीट है जिसका वैज्ञानिक नाम डेकस कुकुर्बिटी है । 

 

पहचान- 

 

यह मक्खी लाल-भूरे रंग की होती है । इसके सिर पर काले तथा सफेद धब्बे पाये जाते हैं । वक्ष पर हरापन लिए हुए पीले रंग की लम्बाकार मुड़ी हुई धारियां होती हैं । इसकी मादा 6-7 मि.मी. लम्बी होती है । नर अपेक्षाकृत छोटा होता है । मादा का उदर शंक्वाकार होता है और नुकीले अण्ड्निक्षेपक में समाप्त होता है । जब मक्खी बैठती है या अण्डे देती है तो इसके पंख पूर्णतः फैले रहते हैं ।नर का उदर गोलाकार होता है इसके पंख पारदर्शी होते हैं । पंखों के बाहरी सिरे पर भूरे रंग की धारियाँ व स्लेटी धब्बे होते हैं । 

 

समन्वित प्रबन्धन उपाय- 

• समय-समय पर बेलों के नीचे गुड़ाई करते रहना चाहिये, इससे भूमि में उपस्थित प्यूपा नष्ट हो जाते हैं ।

 

• क्षतिग्रस्त फलों को नियमित रूप से इकट्ठा करें और उन्हें एक गहरे गडढे में नष्ट कर दें या रासायनिक कीटनाशक के साथ मिश्रित पानी में डुबो दें |

 

•  फसल के चारो तरफ ट्रैप क्रॉप के रूप में मक्का, तुलसी या गेंदा उगाना चाहिए और इन फसलों पर कीटनाशकों जैसे कार्बरिल या डाइक्लोरोवास  0.२ % का प्रयोग करके कीट को नष्ट करना चाहिए|

 

• नीम का तेल 0.3% की आवश्यकतानुसार पर्णीय छिडकाव करना चाहिए|

 

• तम्बाकू के चूर्ण या केरोसीन मिश्रित राख का बुरकाव करने से फल मक्खियाँ बेलों पर कम बैठती हैं |

 

• फल मक्खी को नियंत्रित करने के लिए खाली पानी के बोतल में क्यू ल्यूर ट्रैप लगाना चाहिए। क्यू ल्यूर सैचुरेटेड वुड ब्लॉक (इथेनॉल: क्यूलेयर: कार्बेरिल 8: 1: 2 के अनुपात) का  25 ट्रैप / हे फूलों के आने से पहले खेत में स्थापित किया जाना चाहिए।

 

• मक्खियों को नियंत्रित करने के लिए भोजन चारा तैयार करने के लिए पीला कुचला हुआ कद्दू लें और उस पर मैलाथियोन 50 ईसी 0.1% घोल की बूंदें डालें और इसे फसल के पास जमीन पर विभिन्न स्थानों पर रखें।

 

• विष चुग्गा रखना – फल मक्खियों को आकर्षित करके मारने के लिए एक प्रतिशत चीनी या शीरा का घोल बनाएं + 0.1% प्रतिशत मैलाथियान मिश्रित करें +1% प्रतिशत किण्वित ताड़ का रस मिलाकर घोल तैयार कर खेत में कई स्थानों में छिछले बर्तन में फसल के पास जमीन पर विभिन्न स्थानों पर रखना लाभप्रद रहता है ।

 

• फलमक्खी निषेचन के पश्चात्  दिन तक कोमल फलों में अण्डे देती रहती है । यह अवस्था इस कीट के नियंत्रण हेतु सबसे क्रान्तिक अवस्था है, अतः पुष्प आना प्रारम्भ होने पर 0.१ प्रतिशत कार्बोरिल का 15 दिन के अन्तराल में छिड़काव करते रहना चाहिये । 

 

• यदि 10% से अधिक फल संक्रमित हैं, तो 1 मिलीलीटर / लीटर पानी और 20 ग्राम चीनी या गुड़ में मैलाथियान 50 ईसी के मिश्रण के साथ छिड़काव करें।

 

• यदि छोटे क्षेत्र में या किचन गार्डन में खेती करते हैं। छोटे फलों को अखबारों या बेकार कपड़ों से ढँकने से मक्खी फलो पर अंडे नहीं दे पाती है।

 

 (रजनीश श्रीवास्तव प्रभारी ,कृषि विज्ञान केंद्र  मल्हना, देवरिया )

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