बेरोजगार हुए किसानों व श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कई योजनाये हो रही है संचालित
सुलतानपुर - जिला उद्यान अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में मनरेगा जाॅब कार्ड वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जायेगी। लाॅकडाउन में बेरोजगार हुए किसानों व मनरेगा श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उद्यान विभाग द्वारा कई योजनायें संचालित की जा रही है, जिससे कृषकों को अनुदान प्रदान किया जायेगा। शासन के मंशानुरूप आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिये विभाग की तरफ से कई रोजगारपरक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। लघु सीमान्त, जनजाति, महिला मुखिया वाले परिवारों और मनरेगा जाॅबकार्ड वाले परिवारों को सभी योजनाओं में शामिल किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि मनरेगा योजनान्तर्गत विभाग 20 हे0 आम, अमरूद की बागवानी कराये जाने का प्रस्ताव है, जिससे मनरेगा की शर्तों के अनुरूप 60ः40 के अनुपात में श्रम व सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी। साथ ही जिला औद्यानिक मिशन योजनान्तर्गत केला, अमरूद तथा पुष्प रोपण कार्यक्रम हेतु उद्यान विभाग द्वारा डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर अनुदान की धनराशि सीधे कृषकों को खाते में भेजी जायेगी। खेती बागवानी वाले भूमिहीन किसानों के लिये मधुमक्खी पालन एवं मशरूम की खेती करने का मौका दिया जा रहा है।
50 बाक्स क्रय करने पर रू0 दो लाख की लागत आयेगी उद्यान विभाग की तरफ से रू0 88,000/- अनुदान दिया जायेगा। 50 बाक्स में मधुमक्खी पालन में एक साल में 2 से 3 लाख रूपये का लाभ मिलेगा। भूमिहीन किसान 320 वर्गफुट के कमरे या छप्पर में एक लाख रूपये की लागत से ढ़ाई से तीन लाख रूपये का मशरूम उत्पादन कर सकते है, जिसका उत्पादन सितम्बर से मार्च तक किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस लिये किसानों को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। प्रशिक्षण के लिये उद्यान विभाग कृषि विज्ञान केन्द्र की सहायता से प्रशिक्षण की व्यवस्था करायेगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लघु सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान पर ड्रिप सिंचाई का इन्तजाम विभाग की तरफ से कराया जा रहा है, जो गन्ना, सब्जी तथा बागवानी की खेती में सिंचाई में काम आयेगा।
प्याज भण्डार गृह निर्माण के लिये रू0 87,500/- व 20 NHP पर रू0 75,000/- तथा पावर टीलर पर रू0 75,000/- का अनुदान विभाग द्वारा प्रदान किया जायेगा तथा अनुदान भुगतान कृषक की रसीद एवं सत्यापन के बाद डी0बी0टी0 के माध्यम से उसके खाते में भेजा जायेगा। इन कार्यों के लिये कृषकों को विभाग में upagriculture.com पर पंजीकरण कराना होगा। समस्त कार्य स्वयं कराना होगा। यह प्रक्रिया प्रथम आवक-प्रथम पावक (पहले आयें-पहले पायें) के आधार पर लागू होगी। अधिक जानकारी के लिये जिला पंचायत परिसर स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय दूरभाष नं0-05362-240075 अथवा क्षेत्रीय प्रभारियों से सम्पर्क कर सकते हैं।