बाल विवाह रोकने में सभी लोग करें सहयोग

कुशीनगर - जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत विवाह हेतु लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष से कम नही होनी चाहिए। यदि लड़के -लड़की की आयु इससे कम है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आयेगा तथा उक्त अधिनियम के अन्तर्गत बाल विवाह होने पर सम्बन्धित पक्ष को दो वर्ष की सजा व एक लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। 

 

          उन्होने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह करने रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित हैं। इस वर्ष 2020 में अक्षय तृतीया (खाता तीज) 26 अप्रैल 2020 को पड़ रही है। बाल विवाह के रोकथाम हेतु जनपद में विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये है। बाल विवाह में सम्मलित व्यक्तियों को नियमानुसार उनके विरूद्व कानूनी कार्यवाही की जायेगी।

 

      उन्होंने वैवाहिक आयोजन कराने वाले मैरेज हाॅल, टेन्ट व्यवसायी, बैण्ड बाजा, कैटर्स , पुरोहित/मौलवी इत्यादि व्यक्तियो एवं संस्थाओं से  अपेक्षा की है कि वैवाहिक आयोजन कराये जाने से पूर्व यह सुनिश्चित कर ले की वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हों अन्यथा बाल विवाह के आयोजन में किसी तरह से सहयोग करने वाले व्यक्ति दण्ड के भागी हो सकते है। 

 

           उन्होने सभी सम्मानित व्यक्तियों से अपेक्षा की है कि यदि कोई बाल विवाह से सम्बन्धित कोई प्रकरण संज्ञान में आता है। तो तत्काल पुलिस हेल्प लाइन न0 112 महिला हेल्प लाइन न0 181, चाइल्ड लाइन न0 1098 या स्थानिय पुलिस स्टेशन को सुचित करें, जिससे बाल विवाह को रोका जा सकता। 

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