मकर संक्रान्ति


भारत की सांस्कृतिक पहचान पर्वों में ही समाहित है |भारत भूमि पर जितने भी पर्व, उत्सव ,अनुष्ठान मनाये जातें हैं , उनके पीछे एक विश्वास ,आस्था ,ऐतिहासिक घटनायें ,एवं खगोलीय गणना की पृष्ठभूमि होती है |जब सूर्य एक राशि से दुसरे राशि में प्रवेश करता है तो उस समयावधि को संक्रान्ति कहतें हैं |


मकर संक्रान्ति में धनु राशि को छोड़कर सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तो यह पर्व मनाया जाता है |यह पर्व प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी या 15 जनवरी को मनाया जाता है |इस वर्ष मकर संक्रान्ति 15 जनवरी को मनाया जायेगा क्योकि सूर्य 15 जनवरी की रात्रि 2 बजकर 22 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा |


मकर संक्रान्ति का पर्व सम्पूर्ण भारत में विभिन्न नामो से जाना जाता है |जैसे कि पोंगल , लोहिडी , मकर संक्रान्ति , माघी , खिचड़ी , पतंगोत्सव आदि | इस दिन लोगो द्वारा तिल , गुड ,गज़क रेवड़ी आदि खाने का भी चलन है |वस्तुतः यह पर्व  नई फसलो के आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है |इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करके दान देने की रीति है , जिससे कि मानव में मोक्ष पाने की प्रवृति आ सके |


  ( नरसिंह )


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