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द्रौपदी का किरदार निभाएंगी दीपिका पादुकोण

  मुंबई-  दीपिका पादुकोण पौराणिक ग्रन्थ 'महाभारत' के महिला किरदारों इर्द-गिर्द घूमती अपनी एक आगामी फिल्म में द्रौपदी की भूमिका निभाएंगी। हालांकि फिल्म का नाम सामने नहीं अभी आया है। हाल ही में “छपाक” से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने वाली दीपिका, मधु मंतेना के साथ इस फिल्म का निर्माण करेंगी। दीपिका ने एक बयान में कहा, “मैं द्रौपदी की भूमिका निभाने को लेकर बेहद रोमांचित और सम्मानित महसूस कर रही हूं। मुझे लगता है कि जीवन में एक बार ही ऐसी भूमिका मिलती है। महाभारत अपनी पौराणिक कथाओं और सांस्कृतिक प्रभाव के लिए लोकप्रिय है, इससे कई सबक मिलते हैं, लेकिन ये ज्यादातर पुरुष किरदारों से हैं। उन्होंने कहा, “इसे नए दृष्टिकोण के साथ बताना न केवल दिलचस्प होगा, बल्कि बहुत महत्वपूर्ण भी होगा। हालांकि फिल्म के लिये कलाकारों का चयन अभी नहीं किया गया है। इसके अलावा निर्देशकों की तलाश भी जारी है।

क्या MS Dhoni बनने जा रहे हैं झारखंड टीम के कोच? संघ ने किया खुलासा

जागरण संवाददाता, रांची।  भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इन दिनों क्रिकेट के मैदान से दूर हैं। इंग्लैंड एंड वेल्स में खेले गए आईसीसी विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड के मिली हार के बाद धौनी ने कोई मैच नहीं खेला है। पूर्व कप्तान इन दिनों अपने गुहराज्य रांची में हैं और जेएससीए स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे हैं। ऐसे में यह बातें की जा रही थी कि वह झारखंड टीम की टीम के कोच की भूमिका निभा सकते हैं। झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान  महेंद्र सिंह धौनी  के झारखंड टीम के कोच बनने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है।  दैनिक जागरण  से खास बात करते हुए जेएससीए ने इस बात को अफवाह बताया।  उन्होंने कहा कि धौनी जब रांची में रहते हैं तो नियमित रूप से जेएससीए स्टेडियम आते हैं। इस दौरान झारखंड की किसी भी टीम का कैंप चलता है तो वे वहां जाकर जूनियर खिलाडियों को टिप्स देते हैं। वे अधिकारिक रूप से कोच के रूप में नहीं जुड़े हैं। जेएससीए के सचिव संजय सहाय ने बताया कि धौनी यह काम काफी पहले से कर रहे हैं। ऐसे ...

आइए मिलकर मनाएं ‘यह दिवाली अलग निराली’, बच्चों ने दिए दिल को छू जाने वाले सुझाव

अतुल पटैरिया, नई दिल्ली।  यह दिवाली अलग और निराली कैसे मनाएं..., देशभर के हजारों स्कूली बच्चों ने लंग केयर फाउंडेशन की वेबसाइट यहदिवालीअलगनिराली.ओआरजी.इन पर एक से बढ़कर एक उपाय साझा किए हैं। इस वेबसाइट पर अपने वीडियो और पोस्टर अपलोड कर बच्चों ने जता दिया है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण उनके लिए प्राथमिक और अति गंभीर विषय है। बच्चों ने जिस बालसुलभ तरीके से अपनी बात रखी है, उनका यह अंदाज दिल को छू जाता है। लेकिन 6 से 18 साल की उम्र के ये बच्चे जो कह रहे हैं, वह बड़ों को भी गंभीरता पूर्वक समझ लेना चाहिए। चुनिंदा एक हजार संदेशों को सोशल मीडिया पर किया जारी दिवाली पर पटाखे छुड़ाने की परंपरा को इन बच्चों ने अब गैरजरूरी करार दिया है। कह रहे हैं कि ऐसी खुशी किस काम की, जो जीवन पर भारी पड़े। लिहाजा, किसी ने गुब्बारे छोड़ कर खुशी मनाने का तरीका सुझाया है तो किसी ने पौधा रोप कर खुशी मनाने का। किसी ने जरूरतमंदों को उपहार बांटने का, तो किसी ने बुजुर्गों को हंसाने, मिठाई बांटने, खिलौने खरीदने- बांटने, आंगन में रंगोली सजाने का। ऐसे चुनिंदा एक हजार संदेशों को लंग केयर फाउंडेशन ने वेबसाइट ...